“अब मैं लौट आया हूँ”

तुमसे दूर चला गया था शायद पर अब मैं लौट आया हूँ
इतने दिन भूल कर रहा था शायद 
पर अब मैं सब साथ लाया हूँ
बीता हर पल दोहरा ना पाऊँगा शायद
पर अब हर पल बहार लाया हूँ
वजह नहीं मिली थी शायद
पर अब बेवजह ही आया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
पूर्व मेँ तुमको हर पल रुलाया
पर अब हर पल हंसाने आया हूँ
उन आँखों में आँसू के बदले
कुछ मीठे सपने सजाने आया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
बातों और बेबातों का दौर था शायद
पर अब बातों पर य़की कर पाया हूँ
मेरी बेबसी का अँधेरा रहा शायद
पर अब उजला सवेरा जगा लाया हूँ
उलझनों का सफ़र कठिन हुआ शायद
पर अब हर डोर सुलझा पाया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
कम मीठा था कड़वा था ज्यादा
अब कण कण में मिठास भर लाया हूँ
शिकायतें हैं मुझसे बहुत पर
अब हर एक शिक़वा मिटाने आया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
बहकी-बहकी बातें करता, और 
अज़ीब से सवाल भी
उन पागल से सवालों का
मैं खुद इकलौता ज़वाब बन कर आया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
वो दौर ओर था ये दौर ओर है
वो कुछ ओर था ये कुछ ओर है
अब बातें ओर होंगी मुलाकाते ओर होंगी
कुछ सपने ओर होंगे कुछ अपने ओर होंगे
मैं भी कुछ ओर हूँ ये सबको बताने आया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
तुमसे प्यार है ये जानना था तुम्हें शायद
पर अब मैं तुमसे प्यार करने आया हूँ
शर्त प्यार में रखनी पड़े शायद
पर अब रूह तक तुम्हारे लिए लाया हूँ
दुनिया दुःख देगी ताउम्र शायद
पर अब खुद से मैं वादा कर आया हूँ
तुझ संग ज़िन्दगी ज़िन्दगी शायद
पर अब तुझ संग मौत भी लिखा लाया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
फिर एक नई शुरुवात की
राह भी बदली गयी 
मुसाफ़िर भी बदला गया
कभी वक़्त ने मुझको सताया 
कभी हालात ने तुमको रुलाया
वो वक़्त भी बदला गया वो हालात भी बदले गए
पर नई शुरुवात में मैं खुद को बदल कर लाया हूँ
मैं तुमसे दूर चला गया था शायद
पर अब मैं लौट आया हूँ
अब मैं लौट आया हूँ
“एकांत”
Amit Baluni
 Amit Baluni


“तेरा साथ” रोहित डोबरियाल “मल्हार”

Leave a Reply

Check Also

Close
Close
Close