Dosti-Friendship Shayari (दोस्ती शायरी)
कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी,
एक मै हूँ और एक दोस्ती तेरी।

ज़िन्दगी हर पल कुछ खास नहीं होती,
फूलों की खुशबू हमेशा पास नहीं होती,
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना,
इतनी प्यारी दोस्ती इत्तेफाक नहीं होती।

Dosti-Friendship Shayari (दोस्ती शायरी)
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारो,
एक जान है जब दिल चाहे मांग लेना
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना
तुम दोस्त बनके ऐसे आए ज़िन्दगी में,
कि हम ये जमाना ही भूल गये,
तुम्हें याद आए न आए हमारी कभी,
पर हम तो तुम्हें भुलाना ही भूल गये।

दाग दुनिया ने दिए ज़ख्म ज़माने से मिले,
हमको तोहफे ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले।
तुझमे और मुझमे फर्क है सिर्फ इतना,
तेरा कुछ कुछ हूँ मैँ, और मेरा सब कुछ है तू!!
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे ज़िन्दगी से कोई और शिकायत क्या होगी।

Dosti-Friendship Shayari (दोस्ती शायरी)
शहंशाही नहीं ईसानियत अदा कर मेरे मौला,
मुझे लोगो पर नहीं दिलो पर राज करना है!!
साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,
दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,
जी लो ये पल जब तक साथ है दोस्तों,
कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा।

रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे ज़िन्दगी से कोई और शिकायत क्या होगी।
आपकी हमारी दोस्ती सुरों का साज है,
आप जैसे दोस्त पर हमें नाज़ है,
अब चाहे कुछ भी हो जाये ज़िन्दगी में,
दोस्ती वैसे ही रहेगी जैसे आज है।
