BEST ROMANTIC LOVE SHAYARI & CUTE ROMANTIC SHAYARI [शायरी लव रोमांटिक]
शायरी लव रोमांटिक:- रोमांस किसी अन्य व्यक्ति के प्रति भावनात्मक आकर्षण की अभिव्यंजक और आनंददायक अनुभूति है। यह भावना जुड़ी हुई है लेकिन यौन आकर्षण की आवश्यकता नहीं है। अधिकांश लोगों के लिए, यह एगेप, फिलिया, या स्टोर्ज के बजाय एरोस है। रोमांटिक प्रेम संबंधों के संदर्भ में, रोमांस आमतौर पर किसी के मजबूत रोमांटिक प्रेम या किसी अन्य व्यक्ति के साथ घनिष्ठ या रोमांटिक रूप से जुड़ने की गहरी और मजबूत भावनात्मक इच्छाओं की अभिव्यक्ति को दर्शाता है। ऐतिहासिक रूप से, “रोमांस” शब्द की उत्पत्ति शिष्टता के मध्यकालीन आदर्श से हुई है, जैसा कि इसके वीरतापूर्ण रोमांस साहित्य में निर्धारित किया गया है। प्यार पर रोमांटिक शायरी सच्चे प्रेमियों के लिए सुंदर प्रेम रेखा है। रोमांटिक शायरी हिंदी
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Romantic Shayari in Hindi, Latest Best Hindi Romantic Shayari Collection: –

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हमने यहां आपके लिए तरह – तरह की Hindi Romnatic Shayari , hindi love shayari, urdu shayari दी है।
Romantic Shayari in Hindi: –
देखे हैं बहुत हम ने हंगामे मोहब्बत के
आग़ाज़ भी रुस्वाई अंजाम भी रुस्वाई
-:सूफ़ी तबस्सुम
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अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते
-:राहत इंदौरी
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हमारे इश्क़ में रुस्वा हुए तुम
मगर हम तो तमाशा हो गए हैं
अब तू दरवाज़े से अपने नाम की तख़्ती उतार
लफ़्ज़ नंगे हो गए शोहरत भी गाली हो गई
-: इक़बाल साजिद
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अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
दूसरी औरत पहली जैसी कब होती है
-: फ़ेसीन एजाज़
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Best Hindi Romantic: –
अहल-ए-हवस तो ख़ैर हवस में हुए ज़लील
वो भी हुए ख़राब, मोहब्बत जिन्हों ने की
-: अहमद मुश्ताक़
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अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ
इक ज़रा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ
-: परवीन शाकिर
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अज़िय्यत मुसीबत मलामत बलाएँ
तिरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा
-: ख़्वाजा मीर ‘दर्द’
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चाह की चितवन में आँख उस की शरमाई हुई
ताड़ ली मज्लिस में सब ने सख़्त रुस्वाई हुई
-: दाग़ देहलवी
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दफ़अतन तर्क-ए-तअल्लुक़ में भी रुस्वाई है
उलझे दामन को छुड़ाते नहीं झटका दे कर
-: आरज़ू लखनवी
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देखे हैं बहुत हम ने हंगामे मोहब्बत के
आग़ाज़ भी रुस्वाई अंजाम भी रुस्वाई
-: सूफ़ी तबस्सुम
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दुख दे या रुस्वाई दे
ग़म को मिरे गहराई दे
-:सलीम अहमद
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[शायरी लव रोमांटिक] love Shayari: –
घर से उस का भी निकलना हो गया आख़िर मुहाल
मेरी रुस्वाई से शोहरत कू-ब-कू उस की भी थी
-: ज़ुहूर नज़र
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हम तालिब-ए-शोहरत हैं हमें नंग से क्या काम
बदनाम अगर होंगे तो क्या नाम न होगा
-: मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता
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हमारे इश्क़ में रुस्वा हुए तुम
मगर हम तो तमाशा हो गए हैं
-: अतहर नफ़ीस
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हर-चंद तुझे सब्र नहीं दर्द व-लेकिन
इतना भी न मिलियो कि वो बदनाम बहुत हो
-: ख़्वाजा मीर ‘दर्द’
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इस शहर में तो कुछ नहीं रुस्वाई के सिवा
ऐ ‘दिल’ ये इश्क़ ले के किधर आ गया तुझे
-:दिल अय्यूबी
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Sad Shayari in Hindi: –
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा
आदमी काम का नहीं होता
-:जिगर मुरादाबादी
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जिस जगह बैठे मिरा चर्चा किया
ख़ुद हुए रुस्वा मुझे रुस्वा किया
-: दाग़ देहलवी
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जो तेरी बज़्म से उट्ठा वो इस तरह उट्ठा
किसी की आँख में आँसू किसी के दामन में
-:सालिक लखनवी
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कहिए जो झूट तो हम होते हैं कह के रुस्वा
सच कहिए तो ज़माना यारो नहीं है सच का
-: मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
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कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
-: परवीन शाकिर
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कौन मस्लूब हुआ हुस्न का किरदार कि हम
शोहरत-ए-इश्क़ में बदनाम हुआ यार कि हम
-: मसूद क़ुरैशी
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ख़ैर बदनाम तो पहले भी बहुत थे लेकिन
तुझ से मिलना था कि पर लग गए रुस्वाई को
-: अहमद मुश्ताक़
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किस क़दर बद-नामियाँ हैं मेरे साथ
क्या बताऊँ किस क़दर तन्हा हूँ मैं
-: अनवर शऊर
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किसी की शख़्सियत मजरूह कर दी
ज़माने भर में शोहरत हो रही है
-: अहमद अशफ़ाक़
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कोई तोहमत हो मिरे नाम चली आती है
जैसे बाज़ार में हर घर से गली आती है
-: अंजुम ख़याली
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क्या मिला तुम को मिरे इश्क़ का चर्चा कर के
तुम भी रुस्वा हुए आख़िर मुझे रुस्वा कर के
-: जलील मानिकपूरी
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[शायरी लव रोमांटिक]
लोग कहते हैं कि बद-नामी से बचना चाहिए
कह दो बे इस के जवानी का मज़ा मिलता नहीं
-:अकबर इलाहाबादी
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मैं इसे शोहरत कहूँ या अपनी रुस्वाई कहूँ
मुझ से पहले उस गली में मेरे अफ़्साने गए
-: ख़ातिर ग़ज़नवी
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मेरी रुस्वाई अगर साथ न देती मेरा
यूँ सर-ए-बज़्म मैं इज़्ज़त से निकलता कैसे
-: अख्तर शुमार
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मेरी शोहरत के पीछे है
हाथ बहुत रुस्वाई का
-: प्रेम भण्डारी
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Best Romantic Love Shayari: –
मुझे मुस्कुरा मुस्कुरा कर न देखो
मिरे साथ तुम भी हो रुस्वाइयों में
-: कैफ़ भोपाली
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निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन
बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले
-: मिर्ज़ा ग़ालिब
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फिरते हैं ‘मीर’ ख़्वार कोई पूछता नहीं
इस आशिक़ी में इज़्ज़त-ए-सादात भी गई
-: मीर तक़ी मीर
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प्यार करने भी न पाया था कि रुस्वाई मिली
जुर्म से पहले ही मुझ को संग-ए-ख़म्याज़ा लगा
-: इक़बाल साजिद
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‘क़मर’ ज़रा भी नहीं तुम को ख़ौफ़-ए-रुस्वाई
चले हो चाँदनी शब में उन्हें बुलाने को
-: क़मर जलालवी
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रंज-ओ-ग़म दर्द-ओ-अलम ज़िल्लत-ओ-रुसवाई है
हम ने ये दिल के लगाने की सज़ा पाई है
-: फ़िदा कड़वी
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रुस्वा हुए ज़लील हुए दर-ब-दर हुए
हक़ बात लब पे आई तो हम बे-हुनर हुए
-: खलील तनवीर
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सारी दुनिया हमें पहचानती है
कोई हम सा भी न तन्हा होगा
-: अहमद नदीम क़ासमी
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Cute sad Romantic Shayari: –
सारी रुस्वाई ज़माने की गवारा कर के
ज़िंदगी जीते हैं कुछ लोग ख़सारा कर के
-: हाशिम रज़ा जलालपुरी
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सर फोड़ के मर जाएँगे बदनाम करेंगे
जिस काम से डरते हो वही काम करेंगे
-:लाला माधव राम जौहर
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तंग आ गया हूँ वुस्अत-ए-मफ़हूम-ए-इश्क़ से
निकला जो हर्फ़ मुँह से वो अफ़्साना हो गया
-: अहसन मारहरवी
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तोहमत-ए-चंद अपने ज़िम्मे धर चले
जिस लिए आए थे हम कर चले
-:ख़्वाजा मीर
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तुम को हज़ार शर्म सही मुझ को लाख ज़ब्त
उल्फ़त वो राज़ है कि छुपाया न जाएगा
-: अल्ताफ़ हुसैन हाली
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उस घर की बदौलत मिरे शेरों को है शोहरत
वो घर कि जो इस शहर में बदनाम बहुत है
-: मज़हर इमाम
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वो जुनूँ को बढ़ाए जाएँगे
उन की शोहरत है मेरी रुस्वाई
-: सलीम अहमद
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वो मेरे नाम की निस्बत से मो’तबर ठहरे
गली गली मिरी रुस्वाइयों का साथी हो
-: इफ़्तिख़ार आरिफ़
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यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
सोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुस्वाई भी
-: गुलज़ार
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ज़रा सी देर को उस ने पलट के देखा था
ज़रा सी बात का चर्चा कहाँ कहाँ हुआ है
-: ख़ुर्शीद रब्बानी
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Romantic Shayari for Girlfriend
मेरी बाँहों में सिमटना है हमेशा के लिए
या हमेशा दर्द के शो’लों में जलना है तुम्हें
-:कफ़ील आज़र अमरोहवी
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कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा
होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा
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टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में
डूब जाता है कभी मुझ में समुंदर मेरा
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किसी सहरा में बिछड़ जाएँगे सब यार मिरे
किसी जंगल में भटक जाए गा लश्कर मेरा
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love Shayari in Hindi for girlfriend 120
बा-वफ़ा था तो मुझे पूछने वाले भी न थे
बे-वफ़ा हूँ तो हुआ नाम भी घर घर मेरा
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कितने हँसते हुए मौसम अभी आते लेकिन
एक ही धूप ने कुम्हला दिया मंज़र मेरा
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आख़िरी ज़ुरअ-ए-पुर-कैफ़ हो शायद बाक़ी
अब जो छलका तो छलक जाएगा साग़र मेरा
-: अतहर नफ़ीस
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चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
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ऐ मिरी गुल-ज़मीं तुझे चाह थी इक किताब की
अहल-ए-किताब ने मगर क्या तिरा हाल कर दिया
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मिलते हुए दिलों के बीच और था फ़ैसला कोई
उस ने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया
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अब के हवा के साथ है दामन-ए-यार मुंतज़िर
बानू-ए-शब के हाथ में रखना सँभाल कर दिया
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मुमकिना फ़ैसलों में एक हिज्र का फ़ैसला भी था
हम ने तो एक बात की उस ने कमाल कर दिया
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मेरे लबों पे मोहर थी पर मेरे शीशा-रू ने तो
शहर के शहर को मिरा वाक़िफ़-ए-हाल कर दिया
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चेहरा ओ नाम एक साथ आज न याद आ सके
वक़्त ने किस शबीह को ख़्वाब ओ ख़याल कर दिया
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मुद्दतों बा’द उस ने आज मुझ से कोई गिला किया
मंसब-ए-दिलबरी पे क्या मुझ को बहाल कर दिया
-:परवीन शाकिर
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Romantic Shayari for Boyfriend
तुम ने इश्क़ किया कुछ तुम भी कहो क्या हाल हुआ
कोई नया एहसास मिला या सब जैसा अहवाल हुआ
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एक सफ़र है वादी-ए-जाँ में तेरे दर्द-ए-हिज्र के साथ
तेरा दर्द-ए-हिज्र जो बढ़ कर लज्ज़त-ए-कैफ-ए-विसाल हुआ
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राह-ए-वफ़ा में जाँ देना ही पेश-रवों का शेवा था
हम ने जब से जीना सीखा जीना कार-ए-मिसाल हुआ
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इश्क़ फ़साना था जब तक अपने भी बहुत अफ़्साने थे
इश्क़ सदाक़त होते होते कितना कम-अहवाल हुआ
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राह-ए-वफ़ा दुश्वार बहुत थी तुम क्यूँ मेरे साथ आए
फूल सा चेहरा कुम्हलाया और रंग-ए-हिना पामाल हुआ
-:अतहर नफ़ीस
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बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
लोग बे-वज्ह उदासी का सबब पूछेंगे
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दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.
love Shayari for Husband: –
ये भी पूछेंगे कि तुम इतनी परेशाँ क्यूँ हो
जगमगाते हुए लम्हों से गुरेज़ाँ क्यूँ हो
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उँगलियाँ उट्ठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ़
इक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ़
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चूड़ियों पर भी कई तंज़ किए जाएँगे
काँपते हाथों पे भी फ़िक़रे कसे जाएँगे
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फिर कहेंगे कि हँसी में भी ख़फ़ा होती हैं
अब तो ‘रूही’ की नमाज़ें भी क़ज़ा होती हैं
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लोग ज़ालिम हैं हर इक बात का ताना देंगे
बातों बातों में मिरा ज़िक्र भी ले आएँगे
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इन की बातों का ज़रा सा भी असर मत लेना
वर्ना चेहरे के तअस्सुर से समझ जाएँगे
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चाहे कुछ भी हो सवालात न करना उन से
मेरे बारे में कोई बात न करना उन से
-: कफ़ील आज़र अमरोहवी
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