कैसे करें वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती का पूजन
वसंत पंचमी की सरल व प्रामाणिक पूजन विधि
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Basant Panchami Importance In Hindu Religion
यह त्यौहार ज्ञान संगीत की देवी माँ सरस्वती की याद में मनाया जाता है | हिन्दू धर्म में माँ सरस्वती को ज्ञान की गंगा , संगीत और कला की देवी का परम स्थान प्राप्त है | इसी दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी देवी माँ सरस्वती का अवतरण सृष्टि के सृजनकर्ता ब्रह्माजी ने किया था |
माँ सरस्वती को ज्ञान, कला, संगीत एवं साहित्य की देवी माना जाता है इनकी उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन सकता है। माघ शुक्ल पंचमी को इनकी पूजा की परिपाटी चली आ रही है। देवी भागवत के अनुसार ये ब्रह्मा की स्त्री हैं।
सरस्वती माँ के अन्य नामों में शारदा, शतरूपा, वीणावादिनी, वीणापाणि, वाग्देवी, वागेश्वरी, भारती आदि कई नामों से जाना जाता है।उसमें विचारणा, भावना एवं संवेदना का त्रिविध समन्वय है।

वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा
माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रातःकाल जागकर देवी की पूजा करनी चाहिए। स्तुति के बाद संगीत आराधना भी करनी चाहिए। इसके बाद निवेदित गंध, पुष्प, मिष्ठानादि का प्रसाद चढ़ाकर सभी में बांटना चाहिए। विद्या से जुड़ी वस्तुओं में भी देवी सरस्वती का निवास स्थान माना जाता है इसीलिए उनकी भी पूजा करें। तिलक, अक्षत लगाकर भोग लगाएं और धूप-दीप करें। अंत में प्रणाम करके माँ सरस्वती से प्रार्थना करें और विद्या का वरदान मांगे।
सरस्वती पूजा के मौके पर मां सरस्वती की स्तुति की जाती है। इस दौरान सरस्वती स्तोत्रम का पाठ किया जाता है। कई शिक्षण संस्थानों में भी इस स्तोत्र के जरिए मां सरस्वती की वंदना की जाती है। घर में भी इस स्तोत्र के जरिए मां सरस्वती की वंदना कर सकते हैं।

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सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवला या शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकर-प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

शुद्धां ब्रह्मविचार सारपरम- माद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥

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सरस्वती स्तोत्रम्
श्वेतपद्मासना देवि श्वेतपुष्पोपशोभिता।
श्वेताम्बरधरा नित्या श्वेतगन्धानुलेपना॥
श्वेताक्षी शुक्लवस्रा च श्वेतचन्दन चर्चिता।
वरदा सिद्धगन्धर्वैर्ऋषिभिः स्तुत्यते सदा॥
स्तोत्रेणानेन तां देवीं जगद्धात्रीं सरस्वतीम्।
ये स्तुवन्ति त्रिकालेषु सर्वविद्दां लभन्ति ते॥
या देवी स्तूत्यते नित्यं ब्रह्मेन्द्रसुरकिन्नरैः।
सा ममेवास्तु जिव्हाग्रे पद्महस्ता सरस्वती॥
॥इति श्रीसरस्वतीस्तोत्रं संपूर्णम्॥
वसंत पंचमी : 2019
सरस्वती पूजा 2019 (वसंत पंचमी 2019)
2019 में वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) 10 फरवरी 2019, रविवार को मनाई जाएगी।
वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा 2019 का शुभ मुहूर्त
सरस्वती पूजा मुहूर्त = 07:15 से 12:52
पंचमी तिथि का आरंभ = 9 फरवरी 2019, शनिवार को 12:25 बजे से होगा।
पंचमी तिथि समाप्त = 10 फरवरी 2019, रविवार को 14:08 बजे होगा।
