100+ hindi shayari collection |【फ़ेमस हिंदी शायरी कलेक्शन 】
Hindi Shayari Collection in Best Love & Sad Shayari
शायरी अपने दिल की बात लोगो से कहने का एक विशेष अंदाज है। हिंदी शायरी के माध्यम से आप आपने विचार बहुत आसानी से Share कर सकते हैं। हमने इसी तरह की चुनिंदा 100+ hindi shayari collection |【फ़ेमस हिंदी शायरी कलेक्शन 】का एक बेहतरीन संग्रह संकलित किया है। हिंदी शायरी के शौकीन अगर आप भी हैं तो ये Hindi Shayari Collection & Best Love Shayari खास तौर पर आपके लिए हैं। पढ़िए और लुत्फ उठाएं प्रसिद्ध शायरों की उम्दा शेर-ओ-शायरी का।
We have a Best collection of Hindi Shayari Collection & Best Love Shayari.Read and enjoy the famous shayars -shayari.
Contents
Hindi Shayari Collection & Best Love Shayari …
इश्क का कोई भरोसा नहीं कब हो जाए।
-: मुनव्वर राणा
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उसके दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा,
वो भी मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा
-: निदा फ़ाज़ली
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बैठे-बिठाए हाल-ए-दिल-ज़ार खुल गया
मैं आज उसके सामने बैठकर बेकार खुल गया।
-: मुनव्वर राणा
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-:Sad Shayari:-
हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाएँगे तन्हा
जो तुझ से हुई हो वो ख़ता साथ लिए जा
-: -: साहिर लुधियानवी
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हाल-ए-दिल नहीं मालूम इस कदर यानी
हमने बार-हा ढूंढा तुमने बार-हा पाया।
-: मिर्ज़ा ग़ालिब
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गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह
-: बासिर सुल्तान काज़मी
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हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते चलते
अब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते ढलते
-: इक़बाल अज़ीम
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ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
-: साहिर लुधियानवी
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-: Ghalib shayari in urdu :-
आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक,
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ के सर होने तक!
-: मिर्ज़ा ग़ालिब
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इससे पहले मेरा कमरा भी ग़ज़ल जैसा था!
– : मुनव्वर राणा
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हम को किस के ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही
किस ने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही
-: मसरूर अनवर
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-:Best Love Shayari:-
दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
-: नासिर काज़मी
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होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
-: निदा फ़ाज़ली
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अँधेरी रात को मैं रोज़-ए-इश्क़ समझा था
चराग़ तू ने जलाया तो दिल बुझा मेरा
-: अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
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आबलों का शिकवा क्या ठोकरों का ग़म कैसा
आदमी मोहब्बत में सब को भूल जाता है
-: आमिर उस्मानी
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आदमी जान के खाता है मोहब्बत में फ़रेब
ख़ुद-फ़रेबी ही मोहब्बत का सिला हो जैसे
-: इक़बाल अज़ीम
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आज देखा है तुझ को देर के बअ’द
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं
-: नासिर काज़मी
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आज ‘तबस्सुम’ सब के लब पर
अफ़्साने हैं मेरे तेरे
-: सूफ़ी तबस्सुम
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आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए
मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ
-: क़तील शिफ़ाई
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आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
-: साहिर लुधियानवी
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आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की
-: जलील मानिकपूरी
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आरज़ू है कि तू यहाँ आए
और फिर उम्र भर न जाए कहीं
-: नासिर काज़मी
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जी ख़ुश तो हो गया मगर आंसू निकल पड़े
आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है
बेवफ़ाई कभी कभी करना
-: बशीर बद्र
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आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रंग करूँ ख़ून-ए-जिगर होते तक
-: मिर्ज़ा ग़ालिब
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-:shayaris love:-
आते आते मिरा नाम सा रह गया
उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया
-: वसीम बरेलवी
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आतिश-ए-इश्क़ वो जहन्नम है
जिस में फ़िरदौस के नज़ारे हैं
-: जिगर मुरादाबादी
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अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
-: मुनव्वर राना
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अब मिरी बात जो माने तो न ले इश्क़ का नाम
तू ने दुख ऐ दिल-ए-नाकाम बहुत सा पाया
-: मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
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अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उमीदें
ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ
-: अहमद फ़राज़
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अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो
न छोड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो
-: अमीर मीनाई
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अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं
-: साहिर लुधियानवी
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अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
-: बशीर बद्र
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अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने
-: साहिर लुधियानवी
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अहल-ए-हवस तो ख़ैर हवस में हुए ज़लील
वो भी हुए ख़राब, मोहब्बत जिन्हों ने की
-:अहमद मुश्ताक़
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ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद
महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी
-: नासिर काज़मी
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ऐ इश्क़ तू हर-चंद मिरा दुश्मन-ए-जाँ हो
मरने का नहीं नाम का मैं अपने ‘बक़ा’ हूँ
-: बक़ा उल्लाह ‘बक़ा’
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ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
-: शकील बदायुनी
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ऐन दानाई है ‘नासिख़’ इश्क़ में दीवानगी
आप सौदाई हैं जो कहते हैं सौदाई मुझे
-: इमाम बख़्श नासिख़
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अजीब रात थी कल तुम भी आ के लौट गए
जब आ गए थे तो पल भर ठहर गए होते
-: बशीर बद्र
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अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई
-: नुशूर वाहिदी
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अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले
दश्त पड़ता है मियाँ इश्क़ में घर से पहले
-: इब्न-ए-इंशा
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अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी
-: साहिर लुधियानवी
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अक़्ल को तन्क़ीद से फ़ुर्सत नहीं
इश्क़ पर आमाल की बुनियाद रख
-: अल्लामा इक़बाल
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‘अतहर’ तुम ने इश्क़ किया कुछ तुम भी कहो क्या हाल हुआ
कोई नया एहसास मिला या सब जैसा अहवाल हुआ
-: अतहर नफ़ीस
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और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
-: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
-: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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-:hindi romantic shayari:-
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
-: उबैदुल्लाह अलीम
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अज़िय्यत मुसीबत मलामत बलाएँ
तिरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा
-: ख़्वाजा मीर ‘दर्द’
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बारहा उन से न मिलने की क़सम खाता हूँ मैं
और फिर ये बात क़स्दन भूल भी जाता हूँ मैं
-: इक़बाल अज़ीम
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बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है
-: इरफ़ान सिद्दीक़ी
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-:love shayari in hindi for girlfriend:-
बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मा’लूम
जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई
-: फ़िराक़ गोरखपुरी
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बहुत दुश्वार थी राह-ए-मोहब्बत
हमारा साथ देते हम-सफ़र क्या
-: महेश चंद्र नक़्श
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बहुत मुश्किल ज़मानों में भी हम अहल-ए-मोहब्बत
वफ़ा पर इश्क़ की बुनियाद रखना चाहते हैं
-: इफ़्तिख़ार आरिफ़
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बस एक ही बला है मोहब्बत कहें जिसे
वो पानियों में आग लगाती है आज भी
-: अजीत सिंह हसरत
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बे तेरे क्या वहशत हम को तुझ बिन कैसा सब्र ओ सुकूँ
तू ही अपना शहर है जानी तू ही अपना सहरा है
-: इब्न-ए-इंशा
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बे-नियाज़-ए-दहर कर देता है इश्क़
बे-ज़रों को लाल-ओ-ज़र देता है इश्क़
-: अबुल हसनात हक़्क़ी
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भला आदमी था प नादान निकला
सुना है किसी से मोहब्बत करे है
-: कलीम आजिज़
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भला हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले
न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिजक गई
-: बशीर बद्र
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भरी दुनिया में फ़क़त मुझ से निगाहें न चुरा
इश्क़ पर बस न चलेगा तिरी दानाई का
-: अहमद नदीम क़ासमी
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-:love hindi shayari:-
भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए
-: ख़ुमार बाराबंकवी
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बुलबुल के कारोबार पे हैं ख़ंदा-हा-ए-गुल
कहते हैं जिस को इश्क़ ख़लल है दिमाग़ का
-: मिर्ज़ा ग़ालिब
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चाहत के बदले में हम बेच दें अपनी मर्ज़ी तक
कोई मिले तो दिल का गाहक कोई हमें अपनाए तो
-: अंदलीब शादानी
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चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी
वगरना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते
-: क़तील शिफ़ाई
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हर इश्क़ के मंज़र में था इक हिज्र का मंज़र
इक वस्ल का मंज़र किसी मंज़र में नहीं था
-: अक़ील अब्बास जाफ़री
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हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार
इक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है
-: अब्बास ताबिश
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हिज्र में इतना ख़सारा तो नहीं हो सकता
एक ही इश्क़ दोबारा तो नहीं हो सकता
-: अफ़ज़ल गौहर राव
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-:javed akhtar shayari in hindi:-
किन लफ़्ज़ों में इतनी कड़वी, इतनी कसैली बात लिखूं
शेर की मैं तहज़ीब निभाऊं या अपने हालात लिखूं
-: जावेद अख्तर
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हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है…
हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं…
-: जावेद अख्तर
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इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होठों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं
-: जावेद अख्तर
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-:javed akhtar shayari :-
जो मुंतजिर न मिला वो तो हम हैं शर्मिंदा
कि हमने देर लगा दी पलट के आने में।
-: जावेद अख्तर
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उन चराग़ों में तेल ही कम था
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे
-: जावेद अख्तर
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पहले भी कुछ लोगों ने जौ बो कर गेहूँ चाहा था
हम भी इस उम्मीद में हैं लेकिन कब ऐसा होता है
-: जावेद अख्तर
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तमन्ना फिर मचल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
यह मौसम ही बदल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
-: जावेद अख्तर
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मुझे गम है कि मैने जिन्दगी में कुछ नहीं पाया
ये गम दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
-: जावेद अख्तर
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नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे
ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
-: जावेद अख्तर
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ये दुनिया भर के झगड़े घर के किस्से काम की बातें
बला हर एक टल जाए,अगर तुम मिलने आ जाओ
-: जावेद अख्तर
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Lovely shayari
I love this collection… Thank you so much